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8 Apr 2018 · 1 min read

हास्य कविता

नाम बाद में रख लेंगे

कानों में मिश्री सी घोली
मॉडर्न पत्नी पति से बोली
कहो आज क्या तुमको खाना
श्रीमान जी मुझे बताना

झटपट किचन में जाऊंगी
जो बोलो सो लाऊंगी
खिचड़ी या की पुलाव कहो
नहीं व्यर्थ में भूख सहो

पतिदेव पहले मुस्काए
फिर धीरे से यह बतलाए
ध्यान समूचा काम पै धर
नहीं नाम की चिंता कर

प्रेम दिखाया आज घना
जो मन आए उसे बना
पहले उसको चख लेंगे
नाम बाद में रख लेंगे।

डॉ विवेक सक्सेना, नरसिंहपुर

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