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2 Apr 2018 · 1 min read

मुक्तक

तेरे आ जाने से फिर बहार आ गयी है!
हरतरफ तेरी खुशबू खुशगवार आ गयी है!
वीरान था आलम मेरी तमन्नाओं का,
मेरी जिन्दगी फिर से एक बार आ गयी है!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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