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25 Feb 2018 · 1 min read

*आफताब है वो*

आफताब है वो
खुमारी रूह की उतरने को बेताब है,,
कोई पूछता है कौन है वो,,
मैं कहता हूं दूर रह आफताब है,,

नजरो मैं नशा है जमाने का,,
हाल बुरा है हालत से दीवाने का,,
हर सवाल का सरल जबाब है,,

मत दिल परेशान कर मेरी बात मान,,
जला देगी वो हर जर्रे जर्रे को,,
ठंडी नही शोले सी आग है,,

रहमत है लकीरों की शामिल है,,
उसकी एनयात और नजर करम है,,
दुनिया मैं वो अदा उसकी लाजबाब है,,

बस शुक्र है कि खास समझते है वो,,
मेरे होने को विस्वास समझते है वो,,
हमारे लिए तो मनु सरताज नबाब है,,,

रचना-मानक लाल मनु,,,??

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