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9 Feb 2018 · 1 min read

सफलता

सफलता वो फूल है
जिसका बीज बाजार में नहीं मिलता
मगर खिल सकता है रेगिस्तान में
मेहनत का जज्बा भरा हो जिसकी रगों में
वो बिना पंख भी उड़ सकता है
खुले आसमान में ।

चाँद तारों को छूने की ख्वाहिश
ना छोड़ना तुम
मगर कभी खुद चमक उठना
इक तारा बन इस जहान में
मुकद्दर भी साथ देता है
उस इन्सान का
हो कूट के भरी मेहनत और ईमानदारी
जिस इंसान में ।

तुम चमक से अपनी
दूजो को भी करना रोशन
तुम जैसे लाखों खिले
हर खेत और खलिहान में ।

फिरोज कुमार ” रोज़ “

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