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28 Jan 2018 · 1 min read

** हम भीड़ का हिस्सा नहीं **

हम भीड़ का हिस्सा नहीं,भूला हुआ किस्सा नहीं है

हम वक्त बदलते रहे हैं, गुजरा हुआ किस्सा नहीं है

लोग समझते हैं हम हार गये हैं, रिश्तों से इस क़दर

उठ ना पायेंगे,बैठ जमीं पर, कमज़ोर रिश्ता नहीं है।।

?मधुप बैरागी

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