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25 Jan 2018 · 3 min read

मेरा लेख,,मेरा गणतंत्र,,मेरा संविधान

मेरा गणतंत्र मेरा संविधान
आज जब हम अपने देश का 69वा गणतंत्र दिवस मना रहे है सभी तरफ भारत के महान तिरंगे को फहरा रहे है सभी और भारत महान के जय कारे और वन्दे मातरम के नारे लगा रहे है वो सब तब हुआ जब भारत के आज़ाद हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई तो इस संविधान सभा ने और इसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1946 से अपना संविधान निर्माण का कार्य आरम्भ कर दिया। संविधान सभा के सदस्य के रूप मे भारत के राज्यों की राज्यसभाओं के वो सभी निर्वाचित सदस्यों के द्वारा चुने गए थे।जिनमे मुख्य रूप से महामना डॉ०भीमराव आंबेडकर,जवाहरलाल नेहरू,डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद और भी कई अन्य महान विचारिक नेता और जागरूक थे जो उस समय राज्य सभा सदस्य इस महासभा के प्रमुख सदस्य थे। जो कि संविधान निर्माण सभा में कुल 22 समितिया थी जो संविधान मैं किसी न किसी रूप मे सहयोगी थी जिसमें से एक खास बहुत ही खास प्रारूप समिति (निर्माण कमेटी) सबसे प्रमुख एवं महत्त्वपूर्ण समिति थी और इस समिति का कार्य बहुत ही जुम्मेदारी पूर्ण और मुख्य रूप से संपूर्ण ‘संविधान लिखना’ या ‘निर्माण करना’ था।जो कि बहुत ही जरूरी और उस वक़्त की बहुत ही आवश्यक और विधि वेदताओ की समिति थी जो कि अपनी पूर्ण ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा पर अडिग और कार्यरत थी इस प्रारूप समिति के अध्यक्ष बनाये गए भारत ही नही विश्व ने महान विधिवेत्ता डॉ०भीमराव आंबेडकर थे।जो कि उस समय के सभी जानकरों मैं विश्व के सभी देशों के संविधान के जानकार थे और प्रत्येक देश की भाषा,विचारधारा, कानून,जानकारी के जानकार और एक मात्र ज्ञाता थे तब ही समस्त प्रारूप समिति ने और उसमें विशेष रूप से जानकारी रखने बाले डॉ. बी आर आंबेडकर जी अपने जीवन के अथक परिश्रम और लगन मेहनत सजगता सम्पूर्णता से इस महान कार्य को 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में सभी की बात को रखते हुए हमारे महान भारत देश के इस पावन महान भारतीय संविधान का निर्माण किया गया और संविधान सभा के उस समय के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान अम्बेडकर जी ने पूर्ण निर्माण कर सुपूर्द किया,
इसलिए आज भी हमारे देश मे प्रत्येक वर्ष 26 नवम्बर के दिन को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है। संविधान सभा के सभी सदस्यों और अम्बेडकर बाबा साहेब ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की। और उस समय लिखे जाने बाले संविधान मैं सभी को इसकी प्रतियां बताई जाती और सभा की प्रत्येक बैठकों में प्रेस के पत्रकार संवाददाता और जागरूक जनता को भाग लेने की विचार अभिव्यक्ति की पूर्ण स्वतन्त्रता थी।ताकी समस्त देश की जानकारी मैं रहे कि हमारे देश का संविधान लिखा जा रहा है और सभी तथ्यों की सभी को जानकारी हो तथा सभी की सलाह और मशवरे से उसमे अनेक सुधारों और बदलावों के बाद संविधान निर्मात्री सभा के 308 सदस्य और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने 24 जनवरी 1950 को भारत देश के संविधान की दो मूल हस्तलिखित कॉपियों पर सभी ने अपने सहमति पूर्ण हस्ताक्षर किये।और इस सभी प्रक्रिया को पूर्ण पारदर्शिता से रखा गया ताकि कल कोई संविधान पर उंगली न उठायें, इसके सभी प्रक्रिया के ठीक दो दिन बाद भारतीय संविधान 26 जनवरी को इस स्वतन्त्र भारत देश पर पूर्ण रूप से समस्त देश भारत भर में लागू हो गया। 26जनवरी को संविधान लागू हुआ इसलिए इसे संविधान दिवस गणतंत्र दिवस कहा जाता है 26 जनवरी का महत्व बनाए रखने के लिए इसी दिन संविधान निर्मात्री सभा के सभी सदस्य और अध्यक्ष भीमराव अंबेडकर ने सभी के द्वारा स्वीकृत संविधान में भारत के गणतंत्र स्वरूप को सभी देश मे एक समान एक साथ मान्यता प्रदान की गई।
और आज आप हम सभी भारतीय नागरिक उस महान संविधान की मूल अवधारण को मान रहे है जिंसमे देश के प्रत्येक नागरिक,चाहे वो महिला हो ,पुरुष हो,बच्चे हो,किसी भी धर्म,जाति वर्ग,सम्प्रदाय पन्थ से हो सभी को समता ,समानता,शिक्षा, स्वाथ्य,रोजगार,कार्य और अवसर को बराबर रूप से लागू करता है,,
इसलिए भारत वर्ष की सम्पूर्ण व्यवस्था को अपने आदेशो,कार्यो, संकलनों के आधार पर गतिमान रखे है हमारा संविधान,,,
आप सभी भारतवासियों को इस जनतंत्र के पर्व गणतंत्र दिवस की कोटिश शुभकामनाएं,,, बधाई,,,
मानक लाल मनु,,???
सहायक अध्यापक,,,

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