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20 Jan 2018 · 1 min read

ऐसी चली बयार

इधर पश्चिमी रंग की ,…….ऐसी चली बयार !
भूल गये करना सभी,आज अतिथि सत्कार!!

शहरों के उन्माद की, ऐसी चली बयार !
गाँवो के दिखने लगे,खाली सभी दयार! !
रमेश शर्मा

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