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19 Jan 2018 · 1 min read

तुम मेरे कौन हो????

“​​तुम मेरे कौन हो”
लाख कोशिश करती हूं , लेकिन समझ नही पाती हूँ।
​ ​कि ​​तुम मेरे कौन हो?
जितना सुलझाती हूँ,​ ​उतनी उलझती जाती हूं।
​ ​कि तुम मेरे कौन हो?
तुम……..
मेरे आसपास की बयार हो।
​ ​बसंत की हसीन बहार हो।
​ ​जान निसार है मेरी तुम पर,
​ ​तुम हर पल के पूरक प्यार हो।
तुम………..
​ ​तुम खुशी हो मेरे तन मन की,
​ ​तुम पसन्द हो मेरे जीवन की,
​ ​सागर सी हैं गहराईयां तुममे,
​ ​जलधार हो सुहाने सावन की।
तुम……….
​ ​तुम सहरा में खिलते गुलाब हो
​ ​मेरी आँखों के हसीन ख्वाब हो
​​मेरी आती जाती हर सांस हो।​
​तुम तो सबसे लाजवाब हो।
​ ​तुम………..
ये सब जानकर भी मौन हो,
​ ​बताओ फिर तुम मेरे कौन हो​||||​​
सुषमा मलिक,
रोहतक
महिला प्रदेशाध्यक्ष CLA हरियाणा

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