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18 Jan 2018 · 1 min read

मुक्तक

क्यों तुम भटक गये हो वस्ल की राहों में?
क्यों तुम बिखर गये हो दर्द की आहों में?
ढूँढती हैं मंजिलें रफ्तार हिम्मत की,
क्यों तुम नजरबंद हो खौफ की बाँहों में?

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

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