?भांजों और भांजी के केशमुड़न पर सरकार बेबस क्यों रही?
भांजों और भांजी के केशमुड़न पर सरकार बेबस क्यों रही
सारी हदें पार हो गई,,
नेता जी चुप्पी कैसे बन्द रख रहे
भांजी ने मुंडन करवा लिया,,
मामा जी ने सब कैसे होने दे रहे।
नारी का सम्मान का कैसा दुनिया के बीच मजाक बना रहे।
अध्यापको के दर्द से कैसे मुख्याजी अनजान रहे।
बंधनमुक्त पालिसी और संविलियन क्यों नही कर रहे।
कौनसी मजबूरी के हाथों मजबूर हो रहे।
बहनो को शरेआम लज्जित कर रहे।
आती नही दया अध्यापको की परेशानियों पर,,
दर दर भटक रहे दिन रात आँसू बहा रहे।
विधवाओ का दर्द भी ये मुख्याजी जी क्यों नही समझ रहे।
आंदोलन को बार बार नजर अंदाज कर रहे।
चाडक्य के वंशोजो का सरकार ये कैसा मख़ौला बना रहे
मजबूर और परेशान राष्ट्रनिर्माता ओ का कैसा इन्तेहाँन ले रहे।
सम्भल लो वक्त रहते सभी राजनेताओ।
भांजी और भांजों के कैश मुंडन पर कैसे जिम्मेदार बेबस रहे।
गायत्री सोनू जैन मन्दसौर????????