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12 Jan 2018 · 1 min read

?आओ करे सब योग?

आओ मिलकर करे सब योग,,
मन बुद्धि काया सदा रहे निरोग।

मन और काया स्वच्छ निर्मल हो जाते,,
जो नित्य योग साधना अपनाते।

वाणी मधुर चेहरा कांतिवान बना चमका जाते,
योग व्यायाम को मनुष्य जब जीवन उतारते।

शुद्ध पवन चले नित्य धरा पर,,
योगी करे योग साधना एकान्त बैठकर।

नित्य योग से चंचलता अधीरता मिटती,
योग गुरु की शिक्षा यही कहती।

आत्म चिंतन आत्म मंथन सब योग से पूर्ण होता,,
अंधकारमय जीवन मे ज्ञान का संचार भरता।

जो शांतचित योग साधना में लीन हो जाता
जीवन को मदमस्त खुशहाल बनाता

पीओ पानी खूब,रोग न कोई पास आता,
जीवन तनाव मुक्त स्वच्छ शरीर हो जाता।

स्वच्छ शरीर मे स्वच्छ आत्मा का वास होता,,
जीवन आनंदमय और उन्नतशील हो जाता।

गायत्री सोनू जैन मन्दसौर?

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