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22 Dec 2017 · 1 min read

?ग़ज़ल?

!!!!!!*ग़जल*!!!!!!!

गुजरे हुए लम्हो,में खो जाते है,,,
कभी हँसते है,कभी गमगीन, हो जाते है।

कभी तो मिलन होगा,ख़्वाब ये सजाते है,,
तेरी यादों के साये में सो जाते है।

संग बीते हर पल,वो याद आ जाते है,,,
तेरे हर बोल मुझे याद आ जाते है ।

ये तो बताओ सनम लोग क्यूँ बदल जाते है,,
तन्हा तन्हा मुझे क्यूँ कर जाते है।

मंजिल तो मिलेंगी कभी, सोच चल जाते है,,
अपनाओगे हमे कभी ये आस लगा जाते है।

गायत्री सोनू जैन

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