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6 Dec 2017 · 1 min read

जिंदगी तुम हो हमारी और तुम से जिंदगी है

जानकर अपना तुम्हें हम हो गए अनजान खुद से
दर्द है क्यों अब तलक अपना हमें माना नहीं नहीं है

अब सुबह से शाम तक बस नाम तेरा है लबों पर
साथ हो अपना तुम्हारा और कुछ पाना नहीं है

गर कहोगी रात को दिन दिन लिखा बोला करेंगे
गीत जो तुमको ना भाए वह हमें गाना नहीं है

गर खुदा भी रूठ जाये तो मुझे मंजूर होगा
पास वह अपने बुलाये तो हमें जाना नहीं है

जिंदगी तुम हो हमारी और तुम से जिंदगी है
ये भला किसको बतायें और कुछ पाना नहीं है

जिंदगी तुम हो हमारी और तुम से जिंदगी है

मदन मोहन सक्सेना

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