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2 Dec 2017 · 1 min read

तारीफ़ करू क्या मै तेरी, तू कितनी सुन्दर है !

तारीफ़ करू क्या मै तेरी,
तू कितनी सुन्दर है !
“जैनी” तेरी यादों का, मेरे दिल में बवंडर है !

चेहरे पर मुस्कान तुम्हारे
जबसे देखा है ,
तेरे हाथो में अपनी अब,
किश्मत रेखा है !

दुःख सुख में हम है न,
तुमको काहे का डर है !
“जैनी” तेरी यादों का,मेरे दिल में बवंडर है !

जलने वाले जल जायेगे,
देख हमें जो जलते है !
झूम उठे दिल आज हमारा,
चलो दूर कही चलते है !

मौसम सर्दी का है जानू,
माह दिसंबर है !
“जैनी” तेरी यादों का,मेरे दिल में बवंडर है !

कवि आशीष तिवारी जुगनू 8871887126

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