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29 Nov 2017 · 1 min read

एक छोटी सी लहर

अजीब है ये जिंदगी हर पल एक नया सिला दिया करती है
मुरझा जाये यदि उपवन भी उसमें नया फूल खिला दिया करती है
कभी किसी को कम ना समझिये
एक छोटी सी लहर भी समन्दरों को हिला दिया करती है मामूली सी चींटी को देखा मैनें जब खुद को बचाते हुये
समय आने पर जोहाथी को भी पल भर में उसकी औकात बता दिया करती है
एक मकड़ी के बलिदान को देखिये तो सहम जायेंगे
जो अपने कल के लिए आज को मिटा दिया करती है
प्यार और मोहब्बत की बगिया बनाकर देखिये तो सही
जो हर किसी के गर्व को ये पिघला दिया करती है
जीते नही जी पाये जो अपने ताकत के दम पर उनको भी कदमो में झुका दिया करती है
अपनो के लिए जीयें अपने घमण्ड को दूर करके यही एक बात उजड़े हुए आंगन को भी जन्नत बना दिया करती है
#अपनापन भी ऐसी चीज है मेरे दोस्तो जो संगदिलपत्थरो को भी पिघला कर पानी बना दिया करती है

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