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29 Nov 2017 · 1 min read

" ---------------------------------------- तेरे सदके बहार आइ है " !

मैंने जब जब भी चोंट खाइ है !
मां तेरी याद मुझको आइ है !!

तूने चलना सिखाया राहों पर ,
में जो सम्भला तू मुस्कराई है !!

वो टपकना छतों का रातों को ,
तेरे दम पे ही सुबह पाइ है !!

भूखे रह के खिलाया जी भर है ,
तेरी रहमत तो करिश्माई है !!

खारे आंसू मिले बने मोती ,
तेरे सदके बहार आई है !!

मेरी चाहत हंसी रहे कायम ,
तू हँसे दुनिया मुस्कराई है !!

तेरा साया रहे सलामत बस ,
मेरे रब तुझसे आशनाइ है !!

बृज व्यास

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