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26 Nov 2017 · 1 min read

शेर

मौत जो मांगी तो न आई तमाम उम्र
अब जीने की तमन्ना है तो आई गले लगने।

देने को यह जिंदगी बची। है मेरे पास
पर कोई नही मिलता इसका तलबगार ।

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