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19 Nov 2017 · 1 min read

आँखों में थोड़ा इंतज़ार होना चाहिए सन्म से थोड़ा प्यार होना चाहिए

आँखों में थोड़ा इंतज़ार होना चाहिए
सन्म से थोड़ा प्यार होना चाहिए

बढ़ चले है मंज़िल की और कदम
राह में कांटो के लिए तैयार होना चाहिए

नही मिलती मंज़िल आसानी से
थोड़ा तो जाँ निसार होना चाहिए

ख़ुदी (घमंड)है रुख़-ए-जमील पर (सुन्दर हसीन चेहरे पर)
खंज़ा(वृद्धावस्था) का भी थोड़ा एहसास होना चाहिए

तसर्रूफ़ात की दुनिया(मतलब की दुनिया) है सारी याँ
कभी खुद से भी मुलाकात होना चाहिए

महदूद(सीमित) है यहां दिन जीने के
थोड़ा दिल भी साफ़ होना चाहिए

मेराज-ए-मुहब्बत में दिल-ए-पामाल है
दाम-ए-तसव्वुर में इश्क़ अयाँ होना चाहिए

मेराज-ए-मुहब्बत= मुहब्बत की सीढ़ी
दिल-ए-पामाल =पैरों से कुचला हुआ दिल
दाम-ए-तसव्वुर = कल्पना की जाल में
अयाँ =जाहिर तौर पर, स्पष्ट

बहार आयी है,कू-ए-यार में पायानेकार
रुख़-ए-जमील पर इश्क़ काआशकार होना चाहिए

रुख़-ए-जमील पर =सुन्दर हसीन चेहरे पर
आशकार = जाहिर होना
कू-ए-यार – माशूक की गली
पायानेकार = आख़िरकार

भूपेन्द्र रावत
12।11।2017

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