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15 Nov 2017 · 1 min read

" --------------------------------------------- जीवन में कई रंग बिखेरे " !!

भाग दौड़ एहसास थकन का ,
पल पल लगे थके से !
तुमने दी दरवाजे दस्तक ,
रह गए हम ठगे से !
हुआ संचरण आशाओं का ,
निकले चतुर चितेरे !!

रोना धोना हंसी इठलाना ,
पंख लगे समय को !
तुझमें ऐसे डूब गए हम ,
छू गये यों हृदय को !
हम तुम झूम रहे मस्ती में ,
हैं खुशियों के फेरे !!

स्वांग भरे यों कई तरह के ,
सब बौने से लगते !
चित्रावली के पृष्ठ पृष्ठ अब ,
अकसर हमको ठगते !
हारे हारे लगे सभी हैं ,
जीत तम्हें ही टेरे !!

बृज व्यास

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