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12 Nov 2017 · 1 min read

बम पटाखे प्रदूषण कारक

रानी देखो क्या है बाहर
धुआं -धुआं ही है बस आज
सांस नहीं ली जाती है
आँखें भी जलन मचीती हैं

दीदी सच में आज धुआं है
पर्यावरण खराब हुआ है
दिवाली के बम बारूद ने
वात को कितना दुषित किया है

पक्षी भी नहीं चहक रहे हैं
पौधे भी मुरझा से गए हैं
मम्मी ने घर के खिड़की पट
सुबह से ही बंद किए हुए हैं

दीदी यह प्रण हमको करना होगा
पर्यावरण सुरक्षित अब करना होगा
पृथ्वी को बचाना है गर
पटाखे नहीं जलाना है अब

दीपों से जग रोशन करना है
पटाखों का प्रयोग नहीं अब करना है
यही संदेश है सबको आज
दीपों से दीपोत्सव करना है

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