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27 Oct 2017 · 1 min read

इश्क जता न सके

⌛इश्क जता न सके⏰

जता भी न सके,
कुछ बता भी न सके।।

अश्क ए आंखों के,
तुझे दिखा भी न सके।।

तेरे पास हम,
आ भी न सके।।

तुझे अपने पास,
बुला भी न सके।।

फासाले ए मोहब्बत,
हम मिटा भी न सके।।

मन ही मन दिल रोता रहा,
अश्को के दिखा भी न सके।।

हर गम को दिल सहता रहा,
चहरे पे उदासी दिखा न सके।।

आरजू क्या दिल कि,
बता भी न सके।।

इजहार ये मोहब्बत कर न पाये,
इश्क आँखों का जता न सके।।

खता तो शायद हम से हुई,
तेरी जिंदगी को महका न सके।।

??सोनु जैन,,,,मंदसौर??

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