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18 Oct 2017 · 1 min read

ये पल-पल बरसते बादल

ये पल-पल बरसते बादल,
मै कैसे नहाऊं आज!
ये हर पल रूठते अपने,
मै कैसे मनाऊ आज!
बरसों कि एक कहानी को भी,
एक पल में ही मोड़ दिया!
ये हर पल तोड़ देते दिल,
मै कैसे जोडू इन्हे आज!!
–सीरवी प्रकाश पंवार

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