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10 Oct 2017 · 1 min read

तारीख़

अखबारों से मत पूछो कि आज तारीख क्या हैं…उन्हें तो हर रोज बदलना हैं!
बीहड़ के बाग़ी से मत पूछो कि मक़सद क्या हैं…उन्हें तो हर रोज लड़ना हैं!
मेरी मज़बूरी को कमजोरी समझ कर….हसने वालो!
वैसे मुझसे मत पूछो कि मेरी मंझिल क्या हैं….मुझे तो हर रोज चलना हैं!
–सीरवी प्रकाश पंवार

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