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10 Oct 2017 · 1 min read

कोई तितली नहीं आती

1222 1222 122

तेरे जाने का शिकवा क्यूँ करें हम l
सितम खुद पर ढहाया क्यूँ करें हम ll

जमीं पर चांद हमको मिल गया है l
गगन का चाँद देखा क्यूँ करें हम l

कोई तितली नहीं आती यहाँ पर l
ठहर कर वक्त जाया क्यूँ करें हम ll

हया ये शोखियाँ, जुल्फें परीशा l
अदा ऐसी भुलाया क्यूँ करें हम ll

✍दुष्यंत कुमार पटेल
जुल्फें परीशा – बिखरी हुई जुल्फे

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