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11 Sep 2017 · 1 min read

==== तुझे अर्पण ====

सुर हैं मेरे पर गीत तेरे हैं
सुर हैं मेरे पर गीत तेरे हैं
भगवन आप ही मीत मेरे हैं।

वाणी ये मेरी गुन तेरे ही गाये सदा
इक इक सांस पे तेरे प्रेम का कर्ज लदा।
ओ प्रभु प्यारे तुम ही मीत हमारे
सुर हैं मेरे – – – – – – –

तेरा ये आशीष दाता काफ़ी है मेरे लिए
सदा जीऊं मैं प्रभु सब के भले के लिए
ओ प्रभु प्यारे तुम ही मीत हमारे
सुर हैं मेरे – – – – – – –

सुबह शाम गाऊँ मैं तेरी ही महिमा
कैसै जताऊं नाथ मैं तेरी गरिमा
ओ प्रभु प्यारे तुम ही मीत हमारे
सुर हैं मेरे – – – – – – –

—-रंजना माथुर दिनांक 04/07/2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना)
©

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