आँसू
आँसुओं की अपनी ही जुबान होती है,
हर आँसू के दिल में छिपी इक दा्स्तान होती है,
माँ की आँख से ढलhके ममत्व का सागर,
बहन के नयन से छलके दुलार की गागर,
माशूक के दीदों से झरे
आसमाँ के मोती हैं
सच ही कहती है रानू
आँसुओं की अपनी जुबान
होती है।
आँसुओं की अपनी ही जुबान होती है,
हर आँसू के दिल में छिपी इक दा्स्तान होती है,
माँ की आँख से ढलhके ममत्व का सागर,
बहन के नयन से छलके दुलार की गागर,
माशूक के दीदों से झरे
आसमाँ के मोती हैं
सच ही कहती है रानू
आँसुओं की अपनी जुबान
होती है।