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17 Sep 2016 · 1 min read

गीत- कि अब तो जिन्दगी जैसे अंधेरी रात है यारों

गीत- उजालों ने मुझे मारा
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उजालों ने मुझे मारा रुलाती बात है यारों
कि अब तो जिन्दगी जैसे अँधेरी रात है यारों

मैं’ सच्चा हूँ मगर सुन लो मुझे तुम प्यार मत करना
खुदा ने जब रुलाया है दया तुम यार मत करना
मिला जो कुछ हमें वो दर्द की सौग़ात है यारों-
कि अब तो जिन्दगी जैसे अँधेरी रात है यारों

दी’या मैं हूँ कि अंधेरा महज इक छोड़ने वाला
कहाँ होता है’ मुझसे काम कोई जोड़ने वाला
तु’म्हारे वास्ते दिल में कहाँ जज़बात है यारों-
कि अब तो जिन्दगी जैसे अँधेरी रात है यारों

गुजारे साथ लम्हों को कभी मत याद करना तुम
समय मेरे लिए अपना नहीं बरबाद करना तुम
तु’म्हारा साथ दे पाऊँ कहाँ औकात है यारों-
कि अब तो जिन्दगी जैसे अँधेरी रात है यारों

– आकाश महेशपुरी

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