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2 Sep 2017 · 1 min read

पतिंगे का प्यार

नन्हां सा दिया देख उमड़ता प्यार है पतिंगे का, जलते हुये दिये पे जां निसार है पतिंगे का।

छड़िक सुख की खा़तिर
सब कुछ विसार देता है,
ग़म पास आते देख
दामन पसार देता है,
हर पल समा को इन्तजार है पतिंगे का।
जलते हुये……………………….।

इंसान भी कुछ इस कदर हीं
बेहाल रहता है,
नश्वर सुख को पाकर भी
खुशहाल रहता है,
समा के इर्द गिर्द जीवन विस्तार है पतिंगे का ।
जलते हुये…………………।

परवाह न रहता उसको
खुद के जल जाने का,
ललक सवार रहता
समा के पास जाने का,
समा की रोशनी ही संसार है पतिंगे का।
जलते हुये…………….. .. .. ।

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