Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
29 Aug 2017 · 1 min read

आपका भी दिल दुखाना पड़ गया ।

@ ग़ज़ल/दिल दुखाना पड़ गया ।@

जिंदगी मे आपको भी आजमाना पड़ गया ।
बेबसी मे आपका भी दिल दुखाना पड़ गया ।

लग गये आने कहर बन वक़्त के वो ज़लज़ले ।
दूरियां बढ़ती रही तुमको भुलाना पड़ गया ।

ग़म भरे लम्हों मे तन्हा रुक रहा है रात भर ।
चाँदनी ढलती रही दीपक जलाना पड़ गया ।

तुम भी रोये हो अग़र तो माफ़ कर देना मुझे ।
आँसुओ को तो छिपाकर मुस्कराना पड़ गया ।

रो रहा हूं, पढ़ रहा हूं , मै तेरे किरदार को ।
आँसुओं मे आज फ़िर से डूब जाना पड़ गया ।

खेल मत ये दिल कोई टूटा खिलौना है नही ।
टूट जाएगा ज़रा ग़म का निशाना पड़ गया ।

रह गयी रकमिश अधूरी प्यार की वो ख़्वाहिसें ।
दोस्ती की चाह मे आहे लुटाना पड़ गया ।

, राम केश मिश्र
Bhadaiyan, Sultanpur,U P

Loading...