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25 Aug 2017 · 1 min read

चलो पग साधकर साथी

चलो पग साधकर साथी
सुनहरे स्वप्न पूरे हो
नये आकाश तक पहुंचो
पूरे कार्य हो जो अधूरे हो
नया संकल्प हो मन मे
नूतन सोंच हो मेधा मे
चलो बदलाव को लाएं
जीवन से सुदूरे हो
पुराने राह को बदलो
नये मग को तलाशो तुम
प्रगति की बात जब आये
सुखद सपने यूं पूरे हो
विन्ध्य प्रकाश मिश्र

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