Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
23 Aug 2017 · 1 min read

बचपन के घरौदे

बचपन के घर ही अच्छे थे
बटवारे का नही बिवाद
एक साथ सब मिलकर रहते
विभाजन की नही दिवाल
खुशिया है हरएक भाग मे
नही उठा है कोई सवाल
यह घर मां की ममता का है
रहने का सबका अधिकार
विन्ध्य ने इसे महान कहा है
भाई भाई का प्रेम यहां
मानो धरा न दूसरा जहां
रहे ढूढते ऐसे घर को
जिसमे ममता समता रहती
ऐसा घर तो मिला कहां है
जिस घर मे हो सम्मान सभी का
खुशियां हो लालच न किसी का
इसको ही स्वर्ग कहा है
यह घर ही श्रेष्ठ महा है

Loading...