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7 Jul 2017 · 1 min read

काश सभी कुछ ...

काश सभी कुछ सोचा हो जाता
समझो कितना अच्छा हो जाता

तेरे तसववुर पागल हम रहते
दुनिया को कोई धोखा होजाता

हम जो लिखते राम-कहानी
शायद तुझको फतवा हो जाता

इतनी भी हकीकत ना होती
जितना कहने को रुतबा हो जाता

गर खतों को जला न देते
सुशील बदनाम बुरा हो जाता
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सुशील यादव
न्यू आदर्श नगर दुर्ग, छत्तीसगढ़

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