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16 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

फसाना जिंदगी का अजीब सा होता है!
हर ख्वाब आदमी का रकीब सा होता है!
बदली हुई निगाह से डर जाते हैं कदम,
मंजिलों का मिलना तरकीब सा होता है!

मुक्तककार -#मिथिलेश_राय

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