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8 Jun 2017 · 1 min read

मोहब्बत है मुझे

जिंदगी तुझसे शिकायत है मुझे l
चंद खुशियों की जरूरत है मुझे l

कैसा बादल है बरसता ही नहीं,
प्यार की बूंद की चाहत है मुझे l

दिल की धड़कन भी उनसे कहती है,
पास आने की इजाजत है मुझे l

मैं जमाने की तरफ क्या देखूं ,
उनकी सूरत ही तो जन्नत है मुझे l

हसरतों के गुलाब खिलते हैं ,
इन बगीचों की जरूरत है मुझे l

कब तलक ‘दीप’ को सताओगे
हंस के कह दो कि मोहब्बत है मुझे l
© रचनाकार डॉ.दीप्ति गौड़ ‘दीप’

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