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6 Jun 2017 · 1 min read

मुक्तक

जवानों चूक मत जाना, पडौसी घात करता है।
फकत वो यार जूतों का न मुख से बात करता है।
चलो फिर आज मिलके करदें, धूर्त के दांत हम खट्टे।
जय-विजय जीत का बिगुल मधुर सुप्रभात करता है।

नीलम शर्मा

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