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16 May 2017 · 1 min read

**दर्द का अहसास **

अपनी भी हालत

पेड़ से गिरे सूखे

पत्ते-सी हो गयी है

लोग रोंधकर

चले जाते हैं

मगर हमारे टूटने

की आवाज़ उनके

कानो तक नहीं

पहुंच पाती है

ऐसे लोगों को

दर्द का अहसास

क्या कभी हो

पाता …….. है ?

?मधुप बैरागी

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