Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 May 2017 · 1 min read

राजन हमें बताओ तुम !

राजन हमें बताओ तुम !

कितने सैनिक अभिमन्यु सम
बलिदान हमें करने होंगे ?
कितनी माँओं के आँचल
ऐ शासन !
सूने हमें सहने होंगे ?
कब तक नव वधूएँ उत्तरा सम
खून के आँसू बहाएँगी ?
कब तक भारतभूमि पर बहनें
भाइयों की भेंट चढ़ाएँगी ?
क्या उत्तर है इन प्रश्नों का
राजन हमें बताओ तुम !
तुष्टिकरण में राष्ट्र शक्ति की
ऐसे न भेंट चढ़ाओ तुम !
कभी आतंकी कभी नक्सली
ये दानव शीश उठाते हैं
सोते व भोजन करते वीरों की
पीठ पर हमला कर जाते हैं
कब तक इन दानवों की
ऐसे हिम्मत बढ़वाओगे
कब घाटी के जयद्रथों पर
कड़े कदम उठाओगे ?
मूक असहाय बनकर कब तक
अभिमन्यु को पत्थर मरवाओगे
उत्तर दे दो अब जनता को
कब सेना के ,
बंधे हाथ खुलवाओगे ?

डॉ रीता
आया नगर , नई दिल्ली

Language: Hindi
669 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rita Singh
View all

You may also like these posts

आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
आत्मविश्वास
आत्मविश्वास
Shyam Sundar Subramanian
वेलेंटाइन डे रिप्रोडक्शन की एक प्रेक्टिकल क्लास है।
वेलेंटाइन डे रिप्रोडक्शन की एक प्रेक्टिकल क्लास है।
Rj Anand Prajapati
जनता
जनता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
#मूल_दोहा-
#मूल_दोहा-
*प्रणय प्रभात*
शून्य ही सत्य
शून्य ही सत्य
Kanchan verma
प्यारी गौरैया।
प्यारी गौरैया।
shashisingh7232
నమో గణేశ
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
सितारों से सजी संवरी एक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी एक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इंसान एक खिलौने से ज्यादा कुछ भी नहीं,
इंसान एक खिलौने से ज्यादा कुछ भी नहीं,
शेखर सिंह
1 फरवरी 2025 प्रयागराज महाकुंभ में स्नान तथा दर्शन
1 फरवरी 2025 प्रयागराज महाकुंभ में स्नान तथा दर्शन
Ravi Prakash
मनमीत
मनमीत
Gajanand Digoniya jigyasu
तुम आए कि नहीं आए
तुम आए कि नहीं आए
Ghanshyam Poddar
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
Atul "Krishn"
*दिल चाहता है*
*दिल चाहता है*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद)
गीत-2 ( स्वामी विवेकानंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सोरठौ
सोरठौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तपन
तपन
Vivek Pandey
आजकल धर्म धूर्तों का
आजकल धर्म धूर्तों का
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
जीवन में आप सभी कार्य को पूर्ण कर सकते हैं और समझ भी सकते है
Ravikesh Jha
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
Shashi kala vyas
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
अब तो ख्वाबों में आना छोड़ दो
Jyoti Roshni
नई प्रजाति के गिरगिट
नई प्रजाति के गिरगिट
Shailendra Aseem
"बचपन जिन्दाबाद"
Dr. Kishan tandon kranti
शौक को अजीम ए सफर रखिए, बेखबर बनकर सब खबर रखिए; चाहे नजर हो
शौक को अजीम ए सफर रखिए, बेखबर बनकर सब खबर रखिए; चाहे नजर हो
पूर्वार्थ
चर्चाएं हैं तुम्हारे हुस्न के बाजार में,
चर्चाएं हैं तुम्हारे हुस्न के बाजार में,
Aditya Prakash
sp76चलते रहेंगे मेले बढ़ते रहेंगे रेले
sp76चलते रहेंगे मेले बढ़ते रहेंगे रेले
Manoj Shrivastava
3087.*पूर्णिका*
3087.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मेरे दर्द को पढ़ने की
मेरे दर्द को पढ़ने की
हिमांशु Kulshrestha
Loading...