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3 May 2017 · 1 min read

किरदार

अब जज़्बा-ए -ईसार का क्या कहिये
…और इज़हार-ए-प्यार का क्या कहिये
…….इक साये सा वज़ूद है इन्सां का अब
……….अब साये के किरदार का क्या कहिये

जज़्बा-ए -ईसार=स्वार्थ,त्याग

सुशील सरना

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