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29 Apr 2017 · 1 min read

कोई नाराज नहीं चाहिये

कोई नाराज नहीं चाहिये

कितने अमन पसंद लोग है यहाँ किसी को कोई आवाज नही चाहिये।
रसूख तो खुदा के फरिश्ते जैसा हो पर रोजा -ऐ- नमाज नही चाहिये।
कहिं साख कम न हो जाये बिरादरी में हुजुर -ऐ -आला की इसलिए ।
हकीकत से वाकिफ़ होकर भी चुप है क्योकि कोई नाराज नहीं चाहिये।।



।। डी के निवातिया ।।

Language: Hindi
678 Views
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