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23 Apr 2017 · 1 min read

कितनी करूं पढ़ाई माँ

पहन गले में टाई माँ
कितनी करूं पढ़ाई माँ
जितना बोझा है बस्ते का,
उतना मेरा वजन नहीं.
होम वर्क मिलता है इतना,
होता मुझसे सहन नहीं.
कब आँगन में झूला झूलूँ ,
खेलूँ छुपन छुपाई माँ.
भारी कठिन मुझे लगता है,
सौ में सौ नंबर लाना.
अगर कहीं मैं चूक गया तो,
मुश्किल है नाम लिखाना.
छाँव जरा दे दे बरगद की,
और मुझे अमराई माँ
गया नहीं मैं कब से छत पर,
देख न पाया चन्दा तारे
नहीं सताये कब से मैंने,
बाल सखा वे प्यारे प्यारे
रंग बिरंगी वह पतंग भी,
कब से नहीं उड़ाई माँ

Language: Hindi
Tag: गीत
1163 Views
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