Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 Apr 2017 · 1 min read

वक्त

साँसे न थमी है न थमेगी
बस कहने वाली बात है
तुम न रहे तो साँसे ना रहेगी
होश खो रहे है अपने हो रहे है
हम भी सामिल हे के दुनिया जालिम है

न तेरा हे न मेरा हे ये वक्त हे
बस वक्त कट रहा है

जिंदगी दुसवार करती है
कभी-कभी आसान भी करती है
अगर भूल से रुक भी जाए
तो क्या कहिए मरना ओर भी आसान करती है
ये मुसाफिर तो हे पर अपनो की तरह चलती है
ख्वाब उधड़ भी जाए तो फिर बुनती है

क्या कहना इसका ये वक्त है
के जीले आज अपनो के साथ
कल गुजर जाना होगा वक्त के साथ
अब तो न रोना आता हे न ही हसँना
बस वक्त कट रहा हे वक्त के साथ…….

…. श.र.मणि

Loading...