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19 Apr 2017 · 1 min read

ऐ खुदा जाने

चंद खुशियो के बदले बेशुमार गम दिया है
ऐ खुदा जाने केसा ये सनम दिया है

एक आह को जाने कितना मरहम दिया है
ऐ खुदा जाने क्यों अब गहरा ज़ख्म दिया है

इश्क़ दिखती खुशि है , मगर हर गम दिया है
ऐ खुदा जाने क्यों जालिम इश्क़ को जन्म दिया है

ठोकरे राहो में मिली उसने सहारा हरदम दिया है
ऐ खुदा बदली ना राहे फिर भी क्यों फासला एक दम दिया है

चाहा हमने है उनको चाहत उसे अब नही हमारी
ऐ खुदा जाने वो होगी हमारी ये वहम दिया है

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