Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Apr 2017 · 1 min read

अन्न की कीमत

कविता
???
अन्न की कीमत
〰〰〰〰

एक एक दाना बचा ले।
जो खाया खाना पचा ले।
क्यूँ बर्बादी करने को तुला है?
स्वार्थी बन इंसानियत को भुला है।
क्या हुआ कि तेरा पैसा है?
गरीब की भूख भी तो हम जैसा है ।
आखिर क्या मिलता ?जूठाकर फेंकना ।
जरूरत से ज्यादा हमें, रोटी क्यूँ सेंकना ?
मत भूल कि, ये किसानों की गाढ़ी कमाई है।
जिसने पसीने से सींचकर, ये सोना पाई है।
स्वाद के वशीभूत होके जिह्वा का कहा माना।
ठूंस-ठूंसकर खाके उदर को बनाया पाख़ाना।
कब तुझे मितव्ययिता का अर्थ समझ आयेगा ?
जानोगे जब आधी आबादी भूखा मारा जायेगा ?
तू पूजा करे धन को देवी मानकर ,
अन्न भी तो देवी स्वरूप है।
अब तो जाग, हे भोगी मानव!
खा उतना, जितना तेरा भूख है।
(✒✒रचयिता :- मनी भाई भौंरादादर, बसना महासमुंद )

Language: Hindi
1885 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

इस जग में है प्रीत की,
इस जग में है प्रीत की,
sushil sarna
संवेदना का सौंदर्य छटा 🙏
संवेदना का सौंदर्य छटा 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"Your Time and Energy
Nikita Gupta
राम एक पर कथा अनेक(पद)
राम एक पर कथा अनेक(पद)
Dr Archana Gupta
बसंत
बसंत
Indu Nandal
"प्रभा की पंखुड़ियाँ"
विधानन्द सिंह'' श्रीहर्ष''
*
*"नन्हीं सी गौरैया"*
Shashi kala vyas
स्वामी श्रद्धानंद
स्वामी श्रद्धानंद
मनोज कर्ण
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
Haiku
Haiku
Otteri Selvakumar
धरती के भगवान
धरती के भगवान
Shekhar Chandra Mitra
भाईचारे की सबसे अच्छी मिसाल, पश्चिम बंगाल, परन्तु भाईजान उन्
भाईचारे की सबसे अच्छी मिसाल, पश्चिम बंगाल, परन्तु भाईजान उन्
ललकार भारद्वाज
मजबूर
मजबूर
विशाल शुक्ल
" बख्तावरपुरा वाली मैडम "
Dr Meenu Poonia
4726.*पूर्णिका*
4726.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बाहर पेपर लीक अंदर संसद लीक
बाहर पेपर लीक अंदर संसद लीक
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अंधा वो नहीं...
अंधा वो नहीं...
ओंकार मिश्र
मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
मैं गांठ पुरानी खोलूँ क्या?
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
निरंकारी महिला गीत (2)
निरंकारी महिला गीत (2)
Mangu singh
आजमाइश
आजमाइश
Suraj Mehra
"परम्परा के नाम पर"
Dr. Kishan tandon kranti
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
जिनका मन और दिल साफ़ होता है
जिनका मन और दिल साफ़ होता है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
नारी की जाति...!!
नारी की जाति...!!
Neelam Sharma
डर
डर
Girija Arora
चुनरिया हम चढ़ाई कईसे
चुनरिया हम चढ़ाई कईसे
Er.Navaneet R Shandily
दिव्य-दोहे
दिव्य-दोहे
Ramswaroop Dinkar
न कुछ कहना है तुमसे,
न कुछ कहना है तुमसे,
श्याम सांवरा
Har chij professional goal hi nhi hota hai ,
Har chij professional goal hi nhi hota hai ,
पूर्वार्थ
गणपति बप्पा
गणपति बप्पा
विजय कुमार नामदेव
Loading...