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12 Apr 2017 · 1 min read

बैसाख मास सँग अपने

बैसाख मास सँग अपने
कनक उपहार लाया है ,
हुआ कण कण है प्रफुल्लित
जन मन सब हरषाया है ।

चमके खेत स्वर्ण – आभ से
कृषक हृदय मुस्काया है ,
झूम रही गेहूँ बाली
गीत पवन ने गाया है ।

क्यार क्यार खग हैं डोले
विधि से दाना पाया है ,
खेतों में रौनक लेकर
बैसाख मास आया है ।

डॉ रीता
आया नगर , नई दिल्ली

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