Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Apr 2017 · 1 min read

पानी नही नसीब

सुनकर ऐसी बात ही, लगता बड़ा अजीब !
अबतक भी पानी नहीं,सबको स्वच्छ नसीब!!

बीते सत्तर साल से,..ठोक रहे हैं ताल!
पीने का पानी मगर,अब भी लगे मुहाल!

सरकारें बदली कई,….बदले कई वजीर!
पीने का सबको मिला,कहाँ स्वच्छ पर नीर! !
रमेश शर्मा.

Loading...