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8 Apr 2017 · 1 min read

मुहब्बत आप करते है

सताया है बहुत हमने, शिकायत आप करते हैं
हमारे ख्वाब में आकर, शरारत आप करते हैं

ये माना हम नहीं दिल में, बताओ फिर जरा ये भी
हमारी चिट्ठियों की क्यूँ, हिफाजत आप करते हैं

मोहब्बत ही इबादत है, खुदा है और ईश्वर भी
सुना हमने, यही पूजा, इबादत आप करते हैं

उड़ा देता हवा में सब, नहीं सुनता हमारी कुछ
भले ये दिल हमारा है, हुकूमत आप करते हैं

बड़ी तरकीब से हमने, छुपाया है तुम्हें दिल में,
हमारी इस अमानत में, खयानत आप करते हैं

न जाने क्यों हमें अच्छा नहीं लगता कभी भी जब,
रकीबों पर नजर अपनी, इनायत आप करते हैं

भले मुँह से कहो कुछ भी, बता देतीं हैं’आँखें सब
हमें मालूम है हमसे, मुहब्बत आप करते है

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