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6 Apr 2017 · 1 min read

!! सड़क पर गुजरती जिन्दगी !!

देखी है, जरूर देखी है
सड़क पर गुजरती हुई
जिन्दगी हम सब ने
बहुत पास से देखी है

कचरे से बीन कर
भोजन की तलाश
में भटकता बच्चा
और भटकते कुछ लोग
कुछ कल के लिए
बीनता हुआ सामान और
कुछ नज़रों से
तलाशता हुआ कल अपना

हाथ से पानी को पीता हुआ
जिस पर न जाने कितने
कीट पतेंगे भून्भुनाते हुए
पल पल दावत देते बीमारी
को , और उस पर से
खुद की प्यास बुझाता
हुआ यह नादान इंसान
जिस गंदगी से हम सब
नफरत करते हैं, उस में
से वो ढूंढता अपने लिए
जिन्दगी जीने का सामान

न छत, न कोई आशिआना
न कल का कोई खौफ
उन सब के जेहन पर
वो गुजर रहे हैं , तो
बस अपना आज, कल की
कोई खबर नहीं,
कैसे गुजर रही है
उनकी रात, कैसे हैं उनके
सब जज्बात, बस

बस, हम सब अछे हैं उन
सब से बहुत ही ज्यादा
सुखी हैं, शायद वो दे रहे
हैं अपने बीते हुए कर्मो का
हिसाब, और बिता रहे हैं
अपने मिलकर सब दिन रात !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

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