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6 Apr 2017 · 1 min read

मॉ

—–मॉ—-
मॉ लौट आउंगा
सॉझ तले अभी जाना है
करम के युद क्षेञ में
लौट आउंगा
तरकारी ठंडी होने से पहले आैर
खाऊंगा तवे से उतरे
तेरे हाथ के
गरम-गरम मीठी रोटियॉ
वहॉ कहॉ मिलते है
इतनी ममता
हॉ ब्यस्त हूं,पस्त हूं
अपने पथ पर आसक्त हूं
ना भूल सकता हूं
वक्त की मार,ढोगियों की लताड़
आैर फरेब के पहार
याद दिलाते है
तुम्हारे सत्य की याञा
हॉ सपने भी है
पर तेरी आंखो से बडे नही
समय पर जल्द ही लौट आउंगा
अपने सपनो को लेके
तेरी आंखो का तारा हूं
चमकूंगा तेरी आंखो को
चमकाने के लिए
हॉ मॉ मैं लौट आउंगा सॉझ
ढलने से पहले.

प्रभांशु
संभागीय निदेशक
शिक्षा अनुसंधान विकास संगठन
इलाहाबाद

Language: Hindi
394 Views
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