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5 Apr 2017 · 1 min read

एक पुराना दोस्त

याद करना पुराने दोस्तों को
और खोते जाना
एक खयाली दुनिया मे
हवाओं से शब्द लेना
और बुनते जाने आसमाँ को

याद करना उन्हे
जिन्हे कि कभी भुलाया ही नहीं
स्वप्न की तरह जगना
और फिर उठ चलना
जीवन की खोयी रातों मे कहीं

याद करना मूर्खो जैसे
कुछ वो सवाल जवाब सभी के
कोई जिद पूरी करनी हो जैसे
समुंदर से बिना पूंछे ही
भरनी हो खाली जेबें मोती से

हाँ ! याद करना तुम्हें
और सोचते रहना की काश
जो जो छिपाया था इस दरमियाँ
आए कभी और पुंछ ले कोई
बिखर जाए सारी खामोशियाँ।
.
©- सत्येंद्र कुमार

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