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31 Mar 2017 · 1 min read

जमाना खूब सूरत है समझने भर की देरी है.......

जमाना खूब सूरत है समझने भर की देरी है
इस भाग दौड़ की दुनिया में चलने भर की देरी है
जो कुछ भी करेगा क्या भूखा मरेगा
यह बुरा वक्त है बस गुजरने भर की देरी है√
(अवनीश कुमार)

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